Saturday 23 February 2013

Anand mishra's blog:  मैं जो भटक गया तो बात क्या.?यूँ तो चाँद भी भटकता...

Anand mishra's blog:  मैं जो भटक गया तो बात क्या.?
यूँ तो चाँद भी भटकता...
:  मैं जो भटक गया तो बात क्या.? यूँ तो चाँद भी भटकता है रात भर.. मैं जो भटक गया तो बात क्या ? सारी दुनिया रोती है छुप कर मैं जो थो...
 मैं जो भटक गया तो बात क्या.?

यूँ तो चाँद भी भटकता है रात भर..
मैं जो भटक गया तो बात क्या ?
सारी दुनिया रोती है छुप कर
मैं जो थोरा रो लिया तो बात क्या..?
हर किसी को यहाँ तलब है प्यार की .
मैने जो थोरा सोच लिया तो बात क्या.?
रौशनी की चाह तो सबको है यहाँ ..
मैंने जो थोरा अँधेरा मांग लिया तो बात क्या. ?
यूँ तो इस व्यस्त जिंदगी में वक़्त नहीं है किसी के पास 
मैंने जो उनसे थोरा वक़्त मांग लिया तो बात क्या...?
जिंदगी के इस हसीन ख्वाब में ...
मैंने जो उसे मांग लिया तो बात क्या..?

Sunday 10 February 2013

कभी शाम को यूं ही....आँखों के रास्ते से..


कभी शाम को यूं ही....आँखों के रास्ते से..
कभी शाम को यूं ही....आँखों के रास्ते से....
आप हमसे आके मिल गए...
तमाम बातें दिल की ..लाखों कर गए..
आपके जाने के बाद भी एहसास है आपका..
आपके मिलने के बाद भी कम लगे मिलना आपका..
हर दिन सुबह होती है आपसे और .
हर शाम को तन्हाई भी होती है आपसे..
हर बात को इतने प्यार से कह जाना ..
और कभी -कभी गुस्से में मुंह फुलाना ..
हर बात दिल को छु जाती है....||
हर दिन आपसे नज़रें मिल जाती है ..
दूर ही सही पर आप यहाँ हो..
हर शाम को हमारे ख्यालों में हो...
जानता नही था ..कभी की कितना ..
असर कर जायेगा ..हमको कोई इतना..
कभी शाम को हम फिर से मिलेंगे..
और हम जब मिलेंगे ..तो फिर से मिलेंगे....||


Sunday 3 February 2013

Rishtey Dilon Ke...

Hi Friends this is My First Blog Dedicate to Some-One Special..I hope You all Like This Poem .



Kya do dilon ke rishtey
Kamjor hote hain itne
Ki bikhar kar toot jaayein
Majboot ho chahe kitne
Saalon ki baandhi ye dor
Jispe kehte hai hum humein naaz hai
Kya aaj bhi hai resham ki buni
Kya aaj bhi shabdon ki mohtaaj hai
Har pal tujhe chaha, har pal tujhe samjha
Sabkuch kiya tera, jo bhi kuch khaas tha
Sehem jo gayi tu, kabhi duniya ke darr se
Roya tere sang, mera saaya tere paas tha.
Lafzon me jo tu bayaan na karti
Nigahon se padh li teri har ek woh baat
Dil jo dhadka tera, jaane se mere
Thama hai mene har pal tera hath
Phir aaj kya hui, khata aisi humse
Jo baithi ho yun, gumsum murjhayi si
Andekha jo kar gaya, ek pal ko tujhko
Tune to kar li, humse ruswayi si

Duniya ki sari, nafrat seh lenge
Gar tu humse naraj nahi
Dilon ke jo rishtey hote hain
Woh shabdon ke mohtaaj nahi.........


Thanks,
Anand Mishra