मैं जो भटक गया तो बात क्या.?
यूँ तो चाँद भी भटकता है रात भर..
मैं जो भटक गया तो बात क्या ?
सारी दुनिया रोती है छुप कर
मैं जो थोरा रो लिया तो बात क्या..?
हर किसी को यहाँ तलब है प्यार की .
मैने जो थोरा सोच लिया तो बात क्या.?
रौशनी की चाह तो सबको है यहाँ ..
मैंने जो थोरा अँधेरा मांग लिया तो बात क्या. ?
यूँ तो इस व्यस्त जिंदगी में वक़्त नहीं है किसी के पास
मैंने जो उनसे थोरा वक़्त मांग लिया तो बात क्या...?
जिंदगी के इस हसीन ख्वाब में ...
मैंने जो उसे मांग लिया तो बात क्या..?